एमपी में गर्मी का असर बढ़ गया है। राजधानी भोपाल में बुधवार को पारा 41 डिग्री के पार पहुंच गया।
मध्यप्रदेश में ओले-बारिश और आंधी का सिस्टम कमजोर पड़ते ही गर्मी का असर बढ़ गया है। राजधानी भोपाल में धूप से बचने के लिए छाते निकल गए हैं। इंदौर में टेंट के नीचे बारातें निकल रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर-उज्जैन संभाग सबसे गर्म
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बुधवार को प्रदेश के 9 शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया। इनमें रतलाम, नर्मदापुरम, खंडवा, शाजापुर, खरगोन, नरसिंहपुर, उज्जैन, धार और गुना शामिल हैं। सबसे गर्म रतलाम रहा। जहां तापमान 42.6 डिग्री दर्ज किया गया। नर्मदापुरम में 41.6 डिग्री, खंडवा में 41.5 डिग्री, शाजापुर में 41.1 डिग्री और खंडवा-नरसिंहपुर में पारा 41 डिग्री रहा। उज्जैन में 40.7 डिग्री, धार में 40.4 डिग्री और गुना में पारा 40.3 डिग्री पहुंच गया। मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्से में गर्मी का असर रहने की संभावना जताई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी पारे में बढ़ोतरी हो सकती है।
धार-पांढुर्णा में तेज बारिश का दौर प्रदेश में बुधवार को गर्मी के साथ बारिश का दौर भी रहा। धार के मनावर में शाम को आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। वहीं, पांढुर्णा में भी पानी गिरा। रात में खरगोन, बालाघाट, सिवनी, मंडला, बड़वानी, बुरहानपुर और बैतूल में भी मौसम बदला रहा।
बुधवार को धार और पांढुर्णा में तेज बारिश हुई।
18 अप्रैल तक तेज गर्मी वाला मौसम मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार रैकवार ने बताया, 18 अप्रैल तक तेज गर्मी की संभावना है। इसके बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।
एमपी में कितना तापमान, ग्राफिक्स ये जानिए...
ऐसा रहेगा अप्रैल का दूसरा पखवाड़ा
पहले-दूसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश अप्रैल के पहले और दूसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश का दौर बना रहा। पहले सप्ताह में सभी संभागों में सामान्य से 2-3 डिग्री ज्यादा 21-24 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, दिन में पश्चिमी गर्म हवाओं के कारण अधिकतम तापमान इंदौर, सागर और नर्मदापुरम संभागों में सामान्य से ज्यादा 39 से 44 डिग्री तक पहुंच गया। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर समेत बाकी संभागों में यह 41 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पहले सप्ताह रतलाम में लू चल चुकी है। वहीं, बाकी शहरों में गर्म हवाओं से गर्मी बढ़ी रही।
दूसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में तेज आंधी, बारिश, ओले और गरज-चमक की स्थिति बनी रही। प्रदेश के 80 प्रतिशत हिस्से में बारिश हुई। दूसरी ओर, कुछ जिलों में गर्मी का असर भी रहा।
अब हीट वेव चलेगी, तीन महीने गर्मी पड़ेगी अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा मध्यप्रदेश में मार्च से गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाती है। इसी ट्रेंड के अनुसार अगले 3 महीने तेज गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने मई तक 15 से 20 दिन हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में 30 से 35 दिन तक गर्म हवा चल सकती है। अप्रैल में दूसरे पखवाड़े में अलग-अलग जिलों में हीट वेव का असर देखने को मिलेगा।
अब जानिए, 10 साल की डेटा बेस्ड स्टडी के बारे में मध्यप्रदेश में अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से गर्मी का असर तेज होने लगता है। महीने के आखिरी दिनों में तो तापमान रिकॉर्ड तोड़ देता है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के 10 साल की डेटा बेस्ड स्टडी में सामने आया कि भोपाल-इंदौर में पारा 43 डिग्री तक पहुंचा जबकि जबलपुर में आंकड़े ने 44 डिग्री को छू लिया। ग्वालियर में तो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। पिछले तीन साल इन शहरों में तेज गर्मी पड़ी। इस बार भी तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है।
भोपाल: 1996 में पड़ी थी सबसे ज्यादा गर्मी अप्रैल में गर्मी के ट्रेंड की बात करें तो भोपाल में 29 अप्रैल 1996 को अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इस महीने भोपाल में बारिश-आंधी के आसार भी बनते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से अप्रैल में बारिश का दौर चल रहा है।
20 अप्रैल 2013 को भोपाल में 24 घंटे के भीतर 30.8 मिमी यानी एक इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 2023 में 22.6 मिमी पानी गिरा था। 17-18 अप्रैल को तापमान 40.9 डिग्री सेल्सियस रहा था।
इंदौर में पिछले साल गिरा था 22.3 मिमी पानी इंदौर में भी पारा 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, 25 अप्रैल 1958 को सर्वाधिक 44.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। इस महीने यहां भी मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। इसके चलते बादल छाए रहते हैं तो बौछारें भी गिरती हैं।
इंदौर में पिछले साल 22.3 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2014 से 2024 के बीच 6 साल बारिश हो चुकी है।
जबलपुर में तेज गर्मी का ट्रेंड जबलपुर की बात करें तो यहां एक बार पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 28 अप्रैल 1970 को दिन का तापमान 45.4 डिग्री रहा था। अप्रैल में यहां भी बारिश होने की संभावना रहती है।
रिकॉर्ड के अनुसार, 3 अप्रैल 1935 को 24 घंटे के भीतर 50.3 मिमी बारिश हुई थी, जो दो इंच के करीब है। 2023 में 20.2 मिमी बारिश हुई थी। इस साल 19 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।
ग्वालियर में पड़ती है सबसे ज्यादा गर्मी ग्वालियर में अप्रैल की गर्मी का ट्रेंड बाकी शहरों से अलग रहता है। यहां ज्यादा गर्मी पड़ती है। बीते 10 साल में यहां पारा एक बार 45 डिग्री और 3 बार 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। 28 अप्रैल 1958 को तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
एक दिन में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड वर्ष 1909 में बना था। 22 अप्रैल को कुल 67.6 मिमी बारिश हुई थी। इसी साल अप्रैल महीने में साढ़े 4 इंच पानी गिरा था। 2023 में भी बारिश हुई थी।
उज्जैन में भी गर्मी, बारिश का ट्रेंड उज्जैन में भी अप्रैल महीने में गर्मी और बारिश का ट्रेंड रहता है। 18 अप्रैल 2010 को तापमान रिकॉर्ड 45.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं, 2014 से 2023 के बीच दो बार पारा 43 डिग्री के पार जा चुका है। पिछले साल एक बार तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं, पूरे महीने 1 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।
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